अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा ने को ‘दिल्ली कूच’ का नारा दिया है वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है। इसके बाद दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और हरियाणा पंजाब बॉर्डर सील कर दी गई है।
इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस की गतिविधियां बता रही हैं कि युद्धकाल जैसी किसी परिस्थितियों को लेकर तैयारी हो रही है! जबकि किसान सिर्फ अपनी मांगों को लेकर सरकार को अवगत करवाना चाहते हैं। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में भी बीजेपी ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है और यहां भी अगर किसान आंदोलन पर उतरते हैं तो इसके लिए मोहन सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी।
जीतू पटवारी ने सरकार पर आरोप लगाया
जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि “न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर #किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है! किसानों के 13 फरवरी को राजधानी आने की खबर के बाद #दिल्ली_पुलिस ने खासे इंतजाम किए हैं!.दिल्ली के तमाम बॉर्डर के अलावा सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ज्यादा एहतियात बरती जा रही है! पुलिस ने कटीले तारों के अलावा बैरिकेड्स, सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक (जर्सी बैरियर), कंटेनर और दूसरे अवरोधक भी लगाए गए हैं! #पंजाब और #हरियाणा से आने वाले किसान इन दोनों बॉर्डर से प्रवेश के प्रयास कर सकते हैं! सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने अस्थायी कार्यालय और कंट्रोल बनाने के अलावा एक किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं! ड्रोन की मदद से एरिया की निगरानी की जा रही है! किसानों को रोकने के लिए 15 से 20 बार रिहर्सल भी की गई है!”
एमपी सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप
उन्होने कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस की गतिविधियां बता रही हैं कि युद्धकाल जैसी किसी परिस्थितियों को लेकर तैयारी हो रही है! जबकि किसान सिर्फ अपनी मांगों को लेकर सरकार को अवगत करवाना चाहते हैं!अहंकारी बीजेपी सरकार जितनी कोशिश आंदोलन को असफल बनाने में कर रही है, यदि उससे आधे प्रयास भी किसानों की मांगों व समस्याओं को सुनने में लगा देगी, तो बहुत हद तक असलियत समझ आ जाएगी! इस बात की भी पूरी आशंका है कि केंद्र सरकार किसानों को उकसाने वाली कार्रवाई भी कर सकती है, ताकि कानून व्यवस्था के नाम पर देश के सामने किसानों की छवि खराब की जा सके! लेकिन, जनता मेहनतकश किसानों के साथ है! मुद्दा तो यह भी है कि मध्यप्रदेश में किसानों को ₹2700 प्रति क्विंटल गेहूं और ₹3100 प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य घोषित करने के बावजूद बीजपी सरकार ने साफ तौर पर वादाखिलाफी की! सीएम मोहन यादव सरकार इस बात को याद रखे कि मध्य प्रदेश में भी ऐसे ही किसी बड़े किसान_आंदोलन के लिए वह खुद ही, अब पूरी तरह से जिम्मेदार होगी!”