केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामलों के मंत्री (Union Minister of Commerce & Industry and Consumer Affairs) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सोमवार को किसानों (farmers) को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्रदान (Providing better prices to produce) करने, रोजगार पैदा करने और देश की कमाई बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद ब्रांडिंग और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया।
गोयल ने ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में आयोजित भारत के जीवंत और विविध खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी ‘इंडस फूड 2024’ (Exhibition ‘Indus Food 2024’) के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में यह बात कही। इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित इस प्रदर्शनी के उद्घाटन पर अपने संबोधन में वाणिज्य मंत्री ने भारत के विविध खाद्य उद्योग की प्रशंसा की और वैश्विक बाजारों को लुभाने की इसकी क्षमता पर जोर दिया।
वाणिज्य मंत्री ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लेकर कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में 150 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि भारत का कृषि निर्यात कुल मिलाकर लगभग 53 अरब अमेरिकी डॉलर है। गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग की पहचान की गई है। उन्होंने देश के विविध कृषि-जलवायु क्षेत्रों, 158 खाद्य और कृषि भौगोलिक संकेतों (जीआई) और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के तहत जिलों में 708 अद्वितीय खाद्य पदार्थों की पहचान को रेखांकित किया।
उधर, वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि देश का 50 अरब डॉलर का मौजूदा कृषि निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 100 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को वर्ष 2030 तक 2,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। बर्थवाल ने ‘इंडसफूड मेला-2024’ में कहा कि ‘रेडी-टू-ईट’ खाद्य खंड जैसे क्षेत्रों में बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। गौरतलब है कि यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय प्रदर्शनी है।