नई दिल्ली / ग्रेटर नोएडा: दादरी थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुए सुखपाल हत्याकांड के मामले में ग्रेटर नोएडा एसीपी तृतीय और कासना थाना प्रभारी पर गाज गिरी है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एसीपी तृतीय सुनील कुमार गंगा प्रसाद व कासना थाना प्रभारी देवेंद्र शंकर पांडे को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। सुखपाल के परिजनो ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था जिसको देखते हुए यह कार्यवाही की गई है। परिजनों का आरोप था कि 16 दिसम्बर को भी सुखपाल पर हमला हुआ था लेकिन पुलिस ने इस मामले को फर्जी बताकर जांच नहीं की थी। दरअसल, 11 जनवरी को दादरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत घोड़ी गाँव के पास नारायणा गोल चक्कर पर बाइक सवार सुखपाल को गोली मारकर बदमाश फरार हो गए थे। सूचना के बाद मौके पर पहुँची पुलिस ने घायल को अस्पताल पहुँचाया, वहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सुखपाल की तरफ से कासना थाना पुलिस को 16 दिसम्बर को अपने ऊपर जानलेवा हमले की शिकायत दी गई थी। उसके बाद भी पुलिस ने मामले में कोई कार्यवाही नहीं की।
अज्ञात हमलावरों ने मारी थी गोली…
गुरुवार को ग्रेटर नोएडा के अपर पुलिस उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि कासना निवासी 40 वर्षीय सुखपाल अजायबपुर नारायण गोल्फ कोर्स के पास बाइक चला रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलियाँ चला दीं। सुखपाल ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिवार को घटना की सूचना दे दी गई है। मामले की जांच के लिए पुलिस की चार टीमें गठित की गई हैं और महत्त्वपूर्ण सुराग मिले हैं। परिवार ने कुछ लोगों पर शक जताया है और पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
पुलिस ने पीड़ित से कहा, “तुम झूठ बोल रहे हो। तुम पर कोई गोली नहीं चलाई गई। घटनास्थल पर कोई खाली कारतूस नहीं मिला और किसी ने भी गोलीबारी नहीं देखी। अगर गोलियाँ चलीं तो किसी ने सुना होगा।” 16 दिसम्बर को हुई घटना पर कार्यवाही करने के बजाय पुलिस ने सुखपाल पर अवैध सम्बंधों का आरोप लगा दिया। करीब 26 दिन पहले सुखपाल ने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. पुलिस के हस्तक्षेप के अभाव में गुरुवार को दादरी में सुखपाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। परिजनों का तर्क है कि अगर पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही की होती तो सुखपाल आज अपने परिवार के साथ होता। सुखपाल के परिवार का सवाल है कि जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी।
सुखपाल हत्याकांड में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे। इस सम्बंध में गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एसीपी सुनील कुमार गंगा प्रसाद और कासना SHO देवेन्द्र शंकर पांडे को उनके पद से हटा दिया है। 16 दिसम्बर को सुखपाल पर हमला हुआ था, लेकिन पुलिस ने बिना उचित जांच किए घटना को फर्जी बता दिया। परिजनों का दावा है कि अगर पुलिस ने गहनता से जांच की होती तो सुखपाल आज जिंदा होता। घटना 26 दिन पहले की है जब कासना निवासी 40 वर्षीय सुखपाल को गोली लगी थी। वह हमलावरों से बचने में कामयाब रहा और घटना की रिपोर्ट करने के लिए कासना पुलिस स्टेशन पहुँचा। हालांकि, पुलिस ने कार्यवाही करने के बजाय पीड़ित को ही दोषी बताकर मामला पलट दिया।
आरोप है कि 16 दिसम्बर को जब कासना में सुखपाल पर गोली चली। उसने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस ने उसी को झूठा बताते हुए किसी भी ऐसी घटना से इनकार कर दिया। घटना के दौरान सुखपाल ने अपनी जान का खतरा बताते हुए फायरिंग की बात की थी। इसके बाद 11 जनवरी 2024 को जब सुखपाल कासना से घोड़ी गाँव के पास बाइक से जा रहा था तभी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। मामले में परिजनों ने कासना गाँव के ही कुछ लोगों के खिलाफ लिखित में शिकायत दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले का खुलासा करने के लिए टीमें गठित कर दी है। वहीं कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके
के घोड़ी बछेड़ा गाँव के पास बदमाशों की गोलियों का शिकार बने प्रोपर्टी डीलर सुखपाल का पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार से पूर्व परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही बरतने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुए हंगामा भी किया। हालांकि पुलिस ने उत्तेजित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया।
गोली मारकर की थी सुखपाल की हत्या:-
बता दें कि कासना निवासी प्रॉपर्टी डीलर सुखपाल की गुरुवार को दिनदहाड़े बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुखपाल अपने परिचत से मिलने के लिए जा रहा था। इस दौरान बदमाशों ने उसे घोड़ी बछेड़ा गाँव के पास गोलियाँ मारकर मौत के घाट उतार दिया। सुखपाल की मौत की जानकारी जब उसके परिजनों को हुई तो वह आक्रोशित हो उठे। इस मामले में परिजनों की शिकायत पर थाना दादरी में सरजीत, इंद्रजीत, उदयराम, महेंद्र, बाली, राजेंद्र, सोरन, बंटी सहित दो अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में ले लिया है।
हरविंदर ने बताया की हमें मिल रही है जान से मारने की धमकी
आरोपियों द्वारा लगातार हरविंदर व परिवार के लोगों को मिल रही है जान से मारने की धमकियाँ। अगर भविष्य में हमें कुछ होता है तो इसके जिम्मेदारी आरोपियों की होगी। आरोपी जिन्होने 31 जनवरी की कहा की हमने सुखपाल को तो मार दिया अब परिवार के अन्य लोगों का नंबर लगेगा यह धमकी पुलिस स्टेशन में पुलिस के सामने दी जान से मारने की धमकी-धमकी देने वालों का नाम रतन, निशु, देबू, प्रकाश, धूनी चंद, नितिन और अन्य अज्ञात लोगों शामिल थे। परिवार ने अपिल की है की मुजरिमों को सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए
ई खबर मीडिया के लिए देव शर्मा की रिपोर्ट