धर्मशाला! तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने तिब्बत सहायता समूहों के बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में चल रहे 9वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए भेजे गए अपने संदेश में कहा कि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का व्यापक हित हमारी पहचान को संरक्षित करने और तिब्बती मुद्दे को जीवित रखने के हमारे प्रयासों में समर्थन का एक प्रमुख स्रोत रहा है। दलाई लामा ने तिब्बती समुदाय के हितों के लिए काम करने को स्वेच्छा से समय और संसाधन समर्पित करने के लिए तिब्बत समर्थकों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि तिब्बती समुदाय आपको तिब्बत समर्थक नहीं बल्कि न्याय समर्थक मानते हैं।
दलाई लामा ने चीन को एक शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास और सम्मान अर्जित करने की सलाह दी। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि चीनी नेतृत्व तिब्बत की शांति और करुणा की संस्कृति के वास्तविक मूल्य को समझेगा, जिसमें चीन और समग्र विश्व को समृद्ध करने में योगदान करने की भारी क्षमता है।
गौरतलब है कि तिब्बत सहायता समूहों के बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में तीन दिनों तक 9वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा है जो कि कल रविवार को सम्पन्न होगा। इस तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सूचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) के कालोन (मंत्री) नोरजिन डोलमा द्वारा दलाई लामा का यह संदेश पढ़ा गया। सम्मेलन में निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग भी ब्रसेल्स पंहुचे हुए हैं।
दलाई लामा ने कहा कि वैश्विक राजनीतिक वातावरण में तेजी से बदलाव के बावजूद तिब्बत का मूल मुद्दा वही बना हुआ है। करुणा और अहिंसा को बढ़ावा देने वाले तिब्बती बौद्ध धर्म के धार्मिक पहलुओं पर जोर देते हुए धर्मगुरू ने कहा कि तिब्बत का प्रश्न केवल न्याय और मानवाधिकारों का मामला नहीं है, बल्कि तिब्बत की अनूठी और विशिष्ट संस्कृति के संरक्षण के बारे में है, जिसमें मानव विकास में योगदान करने की क्षमता है। उन्होंने पत्र में तिब्बत की पारिस्थितिकी के चिंताजनक मुद्दे पर प्रकाश डाला और तिब्बती पठार पर बढ़ती मानवीय गतिविधियों और ताप दर को उठाया, जिससे एशिया के जल संतुलन के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। चूंकि तिब्बती पठार दो अरब से अधिक लोगों को मीठे पानी के संसाधन प्रदान करता है, जो वैश्विक आबादी का 30 प्रतिशत है और तिब्बती पर्यावरण की सुरक्षा वास्तव में एक वैश्विक चिंता है।
इसके अलावा, दलाई लामा ने तिब्बत समर्थकों को उनकी चार महान प्रतिबद्धताओं को बढ़ावा देकर एक अधिक शांतिपूर्ण दुनिया बनाने में उनके साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। जिनमें मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना, अंतर-धार्मिक सद्भाव को प्रोत्साहन, तिब्बती बौद्ध संस्कृति-तिब्बत की पहचान का आधार-को जीवित रखना और करुणा (करुणा) और अहिंसा (अहिंसा) पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्राचीन भारतीय ज्ञान में अधिक जागरूकता और रुचि पैदा करना शालिम है। उन्होंने कहा कि मैंने चार प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए अपने प्रयास समर्पित कर दिए हैं, क्योंकि उन्होंने स्वेच्छा से निर्वाचित तिब्बती नेतृत्व को राजनीतिक जिम्मेदारियां सौंपी हैं। उन्होंने तिब्बत सहायता समूहों से आगे भी इसी तरह तिब्बत का समर्थन और सहयोग करने का आहवान किया है।