Lok Sabha Election 2024 चुनाव प्रचार अभियान (Election Campaign) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय व राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को कुल 80 साक्षात्कार भी दिए। इस तरह उन्होंने मैराथन प्रचार का रिकार्ड कायम किया। प्रधानमंत्री ने 2019 के आम चुनाव के दौरान करीब 145 रैलियां-रोड शो किए थे। इस तरह उन्होंने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार ज्यादा रैलियां की।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में रैली करने के साथ अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का समापन किया। एक जून को होने वाले सातवें और अंतिम चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान शाम को थम गया। 16 मार्च को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से मोदी ने गुरुवार शाम तक देशभर में 206 रैलियां और रोड शो किए किए यानी हर दिन चार से पांच रैलियां और रोड शो चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय व राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को कुल 80 साक्षात्कार भी दिए। इस तरह उन्होंने मैराथन प्रचार का रिकार्ड कायम किया। प्रधानमंत्री ने 2019 के आम चुनाव के दौरान करीब 145 रैलियां-रोड शो किए थे। इस तरह उन्होंने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार ज्यादा रैलियां की। वैसे इस बार प्रचार अवधि 76 दिनों की थी जबकि पांच साल पहले हुए चुनावों में यह अवधि 68 दिनों की थी।

155 घंटे दिया अपना संबोधन

मोदी ने प्रत्येक चुनावी रैली में औसतन 45 मिनट का भाषण दिया। इस तरह उन्होंने करीब 155 घंटे अपना संबोधन दिया। यही नहीं उन्होंने साक्षात्कारों के दौरान भी करीब एक हजार से अधिक सवालों के जवाब दिए।जब निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा की तो उस वक्त मोदी दक्षिण भारत के राजनीतिक दौरे पर थे। 15 से 17 मार्च के बीच इन तीन दिनों में उन्होंने सभी पांच राज्यों को कवर किया।

भाजपा तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में अपनी किस्मत चमकाने की कोशिश में जुटी है। इन तीन राज्यों में 2019 के आमचुनाव इसे कोई सीट नहीं मिली थी। इसके अलावा भाजपा कर्नाटक में अपना दबदबा बरकरार रखने और तेलंगाना में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

पीएम के धुआंधार प्रचार अभियान को मिली कामयाबी

मोदी के धुआंधार प्रचार अभियान की कामयाबी का पता तो चार जून को ही चल पाएगा जबकि चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। 73 साल की उम्र में भी पीएम मोदी ने केवल रैलियों की संख्या बल्कि देशभर में तय की गई दूरी के मामले में भी प्रतिद्वंद्वी नेताओं को काफी पीछे छोड़ दिया। जहां मोदी ने एक दिन में चार-पांच चुनावी रैलियां और रोड शो किए वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी सिर्फ दो-तीन चुनावी कार्यक्रम ही करते दिखे। मोदी अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक रहे और मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बने रहे।