प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (10 अगस्त) को केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं। वे सुबह 11 बजे स्पेशल विमान से कन्नूर एयरपोर्ट पहुंचे। कन्नूर से मोदी सुबह 11:15 बजे भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से वायनाड गए।

उन्होंने रास्ते में लैंडस्लाइड प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। मोदी ने वो जगह देखी, जहां से 30 जुलाई की रात तबाही शुरू हुई थी। इसी जगह से इरुवाझिनजी पुझा नदी भी शुरू होती है।

मोदी का हेलीकॉप्टर वायनाड स्थित कलपेट्टा के एक स्कूल कैंपस में उतरा। वे सड़क के रास्ते लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों में गए हैं। मोदी ने वहां रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने राहत शिविरों और अस्पतालों में पीड़ितों से भी मुलाकात की।

लोगों से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जहां उन्हें हादसे और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे जानकारी दी जाएगी। पीएम के साथ केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी वायनाड गए हैं।

PM मोदी के वायनाड दौरे की तस्वीरें…

PM मोदी सुबह 11 बजे कन्नूर एयरपोर्ट पहुंचे। वे 11.15 बजे हेलिकॉप्टर से वायनाड रवाना हुए।
PM मोदी सुबह 11 बजे कन्नूर एयरपोर्ट पहुंचे। वे 11.15 बजे हेलिकॉप्टर से वायनाड रवाना हुए।
कन्नूर में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और CM विजयन ने PM का स्वागत किया।
कन्नूर में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और CM विजयन ने PM का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी के हवाई सर्वे के दौरान सीएम पिनाराई विजयन भी उनके साथ थे।
प्रधानमंत्री मोदी के हवाई सर्वे के दौरान सीएम पिनाराई विजयन भी उनके साथ थे।

राहुल ने वायनाड दौरे के लिए पीएम का धन्यवाद दिया
नेता प्रतिपक्ष और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने वायनाड दौरे को लेकर PM मोदी को धन्यवाद कहा है। उन्होंने X पर लिखा- PM के वायनाड जाने का फैसला अच्छा है। मुझे भरोसा है कि जब प्रधानमंत्री लैंडस्लाइड से हुई तबाही खुद देखेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे। राहुल संसद में वायनाड हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर चुके हैं।

वायनाड में 29 जुलाई की देर रात करीब 2 बजे और 30 जुलाई की सुबह 4 बजे के बीच मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुए थे। इसमें अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

138 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। 9 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद 8 अगस्त को सेना वायनाड से वापस लौट गई है। अभी NDRF रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।