लखनऊ | लखनऊ में गुरुवार सुबह सैकड़ों संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने डिप्टी CM ब्रजेश पाठक के आवास का घेराव किया। वे डिप्टी CM के आवास के बाहर लाइन लगाकर बैठ गए और नौकरी बहाल करने की मांग करने लगे। वहीं, यूपी NHM के 17,000 स्वास्थ्य संविदा वेटिंग के अभ्यर्थी भी प्रदर्शन में शामिल हुए।मौके पर बढ़ती भीड़ और हंगामे को देखते हुए लोकल पुलिस के साथ एक गाड़ी PAC तैनात कर दी गई है। डिप्टी CM के आवास पर हंगामे जैसे हालात बने, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद संविदाकर्मी शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन किया। करीब 11.45 बजे डिप्टी CM उनसे बिना मिले आवास से निकल गए और प्रदर्शकारियों को पुलिस ने आवास से हटा दिया।स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों का कहना है, कि नौकरी जाने के बाद हम सड़क पर आ गए हैं।
हमारे परिवारों के सामने आजीविका का संकट आ गया। हमने इतने साल तक काम किया, लेकिन अब हमें निकाल दिया गया। कोरोना काल जैसी भयानक महामारी में हमने जान जोखिम में डालकर काम किया, अब हमारे साथ अन्याय हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम यहां करीब 15 बार आ चुके हैं। हर बार सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। नौकरी जाने से हम बेरोजगार हो गए हैं। स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए अपनी बात डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक तक पहुंचाने के लिए लखनऊ आए हैं।कर्मचारियों ने कहा कि हमें हर बार आश्वासन मिला कि आप लोगों को नहीं निकाला जाएगा। यह भी आश्वासन मिला कि आप सबका कहीं न कहीं समायोजन किया जाएगा। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। पूरे प्रदेश में करीब 7 हजार 200 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं।गुरुवार को कोविड संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ ही यूपी NHM के 17,000 संविदा भर्ती वेटिंग को लेकर भी सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी प्रदर्शन करने पहुंचे। वे भी डिप्टी सीएम के आवास का घेराव करने में शामिल रहे। इसके बाद शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन शुरू किया।इनका कहना है कि यूपी NHM 17000 संविदा भर्ती का नोटिफिकेशन नवंबर 2022 में जारी किया गया था, लेकिन अभी तक वेंटिग लिस्ट क्लियर नहीं की गई। दावा किया गया था कि 6 महीने के अंदर जो भी वैकेंसी आएगी, उसमें ज्वाइनिंग कराई जाएगी। 8 महीने बीत जाने के बाद भी वेटिंग लिस्ट वालों की नियुक्ति नहीं हो पाई।प्रदर्शनकारियों ने कहा, पद खाली हैं, फिर भी ज्वाइनिंग नहीं कराई जा रही है। हमने मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी CM तक को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई हल नहीं निकला। आयोग दावा कर रहा है कि पद खाली हैं। हमारी मांग है कि जब पद खाली हैं, तो फिर नियुक्तियां क्यों नहीं की जा रही।
ब्यूरो रिपोर्ट रजत पांडे