जयपुर/भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का शिलान्यस किया. इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पानी को लेकर 20 साल से चल रहा झगड़ा खत्म कर दिया. इस परियोजना से दोनों प्रदेशों को फायदा होगा. इस परियोजना में 72 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्णाण होंगे. इससे 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. चालीस लाख लोगों की आबादी को पीने का पानी मिलेगी. इस प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश के 3217 गांवों को फायदा होगा. इससे मालवा-चंबल इलाके में खुशियां आएंगी. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधुनिक युग के भागीरथ हैं. इस मौके पर राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा भी मौजूद थे.
सीएम यादव ने कहा कि आज का दिन कई मायनों में अद्भुत दिन है. मैं बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीर्घायु और यशस्वी हों. ये अद्भुत मौका पीएम मोदी की वजह से ही आया है. दोनों प्रदेशों के बीच इस जल का 20 साल पुराना झगड़ा हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा. अब ये झगड़ा पीएम मोदी की वजह से खत्म हुआ. वे आधुनिक भागीरथ हैं. हमें उनका आशीर्वाद मिल रहा है. मध्य प्रदेश नदियाों का मायका है. यहां से निकलकर ये नदियां कई राज्यों की मदद करती हैं.
पीएम मोदी ने प्रेरित किया और फंड उपलब्ध कराया- सीएम यादव
सीएम यादव ने कहा कि पार्वती-काली सिंध-चंबल का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश है. ये योजना मध्य प्रदेश और राजस्थान की साझा योजना थी. छोटे-मोटे कई कारणों से 20 साल निकल गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल हमें इस योजना को पूरा करने के लिए प्रेरित किया, बल्कि इस योजना की 90 फीसदी राशि भी दी. दोनों राज्यों को इस योजना की केवल 10 फीसदी लागत ही देनी है.
राजस्थान में कई योजनाओं का शिलान्यास
गौरतलब है कि, पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान सरकार के ‘एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष’ कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होनंने राजस्थान में रेल-सड़क सहित कई परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए विकसित राजस्थान भी जरूरी है. राजस्थान के सर्वांगीण विकास के लिए डबल इंजन सरकार दिन-रात मेहनत कर रही है.