भोपाल/बुंदेलखंड: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों में ब्राह्मण समाज को प्राथमिकता देने की चर्चा जोरों पर है। इस प्रक्रिया के चलते अन्य समाजों, विशेषकर यादव और ओबीसी वर्ग में नाराजगी बढ़ रही है।
भाजपा ने हाल ही में बुंदेलखंड समेत कई जिलों में नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की है। इन नियुक्तियों में ब्राह्मण समाज के चेहरों को प्रमुख स्थान दिया गया है। बुंदेलखंड के निवाड़ी जिले में गणेश लाल नायक का नाम जिला अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इसी तरह टीकमगढ़ जिले में भी किसी ब्राह्मण चेहरे को नेतृत्व सौंपे जाने की संभावना है।
पिछड़े वर्गों में नाराजगी
पिछड़ा वर्ग और यादव समाज के लोग इस एकतरफा नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टी द्वारा समाजों के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, ताकि सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व मिल सके। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह भाजपा के प्रति लोगों के विश्वास को कमजोर कर सकता है और पार्टी के वोटबैंक को नुकसान पहुंचा सकता है।
संतुलन बनाए रखने की जरूरत
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा को इस असंतोष को दूर करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करनी होगी। यदि समाजों के बीच संतुलन और समरसता नहीं बनाई गई, तो यह पार्टी की छवि और आगामी चुनावों में प्रदर्शन पर असर डाल सकता है।
बुंदेलखंड में स्थिति गंभीर
बुंदेलखंड में अब तक की गई नियुक्तियों में ब्राह्मण समाज के दबदबे ने अन्य समाजों को हाशिए पर रखा है। शेष जिलों में भी ऐसी ही स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है। यादव और ओबीसी वर्ग के नेताओं ने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है और पार्टी से इस मामले पर विचार करने की मांग की है।
भाजपा को इन नियुक्तियों पर पुनर्विचार कर सभी वर्गों के बीच विश्वास और सहयोग का माहौल तैयार करना होगा, ताकि सभी समाज खुद को पार्टी का अहम हिस्सा महसूस कर सकें।