अमेरिका के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन फाइनर ने स्वीकार किया कि अमेरिकी धरती पर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के मामले में भारत ने जांच समिति गठित की है। साथ ही उन्होंने जिम्मेदार पाए गए किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के महत्व को रेखांकित किया। हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर में समन्वय को व्यापक रूप से मजबूत करना है।
साथ ही उन्होंने जिम्मेदार पाए गए किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के महत्व को रेखांकित किया। बता दें कि अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने पिछले सप्ताह एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने एक अनाम भारतीय अधिकारी को भी आरोपित बनाते हुए कहा था कि उन्हीं के इशारे पर निखिल ने ये साजिश रची थी।
नई दिल्ली में विभिन्न मुद्दों पर हुई बातचीत पर व्हाइट हाउस ने जताया संतोष
भारत दौरे पर आए फाइनर ने वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के साथ उभरती प्रौद्योगिकी व पन्नू मामले समेत विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। यूएस-इंडिया इनिशिएटिव आन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलाजी लाजी (आइसीईटी) को व्हाइट हाउस भारत और अमेरिकी की रणनीतिक साझेदारी में एक प्रमुख मील का पत्थर मानता है।
फाइनर के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने चार दिसंबर को नई दिल्ली में आइसीईटी पर भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्त्री से बातचीत की। व्हाइट हाउस ने सोमवार को इसे रणनीतिक सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग के रूप में परिभाषित किया। मई, 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आइसीईटी को संयुक्त रूप से लांच किया था।
इसका लक्ष्य नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में परिणामदायी सहयोग को सुविधाजनक बनाना है। आइसीईटी का सह-नेतृत्व भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) द्वारा किया जाता है। इसके अलावा फाइनर ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में भारत द्वारा उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने पर संतोष जताया।
विदेश मंत्रालय ने भी सोमवार को इसका स्वागत किया। फाइनर ने मिस्त्री के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विनय क्वात्रा के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय परामर्श किया।
इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर में समन्वय को व्यापक रूप से मजबूत करना है। व्हाइट हाउस ने कहा कि इसके अलावा पश्चिम एशिया की स्थिति, जिसमें हाल ही में लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हमले को लेकर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही गाजा में बाद की स्थिति को लेकर योजना और दो राष्ट्र सिद्धांत समाधान पर भी बातचीत हुई।