रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार अनिल पुसदकर एक ऐसा नाम हैं जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा और बेबाक लेखनी के कारण छत्तीसगढ़ में एक अलग पहचान बनाए हुए हैं। वे न केवल पत्रकारिता के क्षेत्र में जाना-माना नाम हैं, बल्कि उनकी अद्वितीय गायकी शैली ने भी उन्हें जनता के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया है। छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ से जुड़कर खेल जगत की प्रतिभाओं को उभारने में अहम भूमिका निभाने वाले अनिल पुसदकर अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी लेखनी का प्रभाव ऐसा है कि उनकी बातें मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से लेकर खेल संघ के पदाधिकारियों तक सीधी पहुंचती हैं।
गायकी की अनोखी शैली
अनिल पुसदकर की गायकी का अंदाज भी कुछ कम खास नहीं है। वे सीटी बजाकर गाना गाते हैं, जो रायपुर के प्रेस क्लब के सांगीतिक कार्यक्रमों में उन्हें एक प्रमुख आकर्षण बनाता है। हर शनिवार और रविवार को आयोजित इन संगीत कार्यक्रमों में अनिल जी की उपस्थिति का सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं। किशोर कुमार, मोहम्मद रफ़ी, और मुकेश जैसे महान गायकों के गाने जब अनिल जी अपने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत करते हैं, तो श्रोताओं के दिलों को छू लेते हैं।
सीटी बजाकर गाना गाने की यह कला उन्हें लोगों के बीच खासा लोकप्रिय बना चुकी है। जहां सामान्यतः सीटी बजाने को सार्वजनिक स्थानों पर अनुचित माना जाता है, वहीं अनिल पुसदकर के इस हुनर को रायपुर के लोग तालियों और वाहवाहियों से नवाजते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके सीटी से गाए गए गानों की चर्चाएं होती रहती हैं, और वे एक डिजिटल स्टार बन चुके हैं।
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स और पत्रकारिता की धार
अनिल पुसदकर न केवल सीटी बजाकर गाने में माहिर हैं, बल्कि वे हारमोनियम और माउथ ऑर्गन बजाने में भी निपुण हैं। उनकी यह संगीत यात्रा उन्हें एक सच्चे कलाकार के रूप में स्थापित करती है। परंतु, उनका हुनर केवल संगीत तक सीमित नहीं है। उनकी कलम की धार भी ऐसी है, जो अपराधियों और करप्शन करने वालों को बेनकाब करने में सक्षम है। पत्रकारिता में उनकी यह निडरता और ईमानदारी उन्हें अन्य पत्रकारों से अलग खड़ा करती है।
उनकी लेखनी जितनी ताकतवर है, उतनी ही प्रभावशाली उनकी गायकी भी है। पत्रकारिता और संगीत का यह अनोखा संगम उन्हें रायपुर और पूरे छत्तीसगढ़ में एक विशेष स्थान दिलाता है। अनिल पुसदकर की यह बहुमुखी प्रतिभा उन्हें रायपुर के लोगों के दिलों में बसा चुकी है।
सामाजिक सरोकार और भविष्य की उम्मीदें
अनिल पुसदकर न केवल अपनी पत्रकारिता और गायकी से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम कर रहे हैं, बल्कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा हैं। उनके इस अनोखे अंदाज और समर्पण को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वे रायपुर के पत्रकारिता और सांगीतिक जगत में हमेशा चमकते रहेंगे।
रायपुर और छत्तीसगढ़ के लोग उनके इस विशेष हुनर के मुरीद हैं और उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं देते हैं। अनिल पुसदकर ने पत्रकारिता और गायकी में जो मुकाम हासिल किया है, वह वाकई में प्रशंसनीय है।