लोकसभा चुनाव की तैयारियों (Lok Sabha election preparations) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय (Bharatiya Janata Party (BJP) Office) में लगातार दूसरे दिन रविवार को भी बैठक का दौर चला। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक (State Election Committee meeting) में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा के मध्य प्रदेश में दौरे होंगे। इसको लेकर बैठक में रणनीति तय की गई। प्रधानमंत्री का 11 फरवरी को झाबुआ में सभा प्रस्तावित है।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रविवार को हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य डॉ. सत्यनारायण जटिया, लोकसभा चुनाव के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, वरिष्ठ नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह एवं महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया उपस्थित थीं।
बैठक में चुनाव अभियान को लेकर मंथन हुआ। दीवार लेखन से लेकर गांव चलो अभियान और नव मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने सहित हारे बूथ को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि विधानसभा चुनाव में जीते और हारे दोनों ही प्रत्याशियों को संयोजक, प्रभारी और सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं बड़े नेताओं वाली सीटों पर वरिष्ठ पदाधिकारी को संयोजक और प्रभारी बनाया जाएगा। इसी तरह मंडल और बूथ स्तर पर भी प्रभारी सह प्रभारी और संयोजक बनाए जाएंगे।
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट करेंगे। इसमें केन बेतवा लिंक परियोजना के भूमिपूजन सहित अन्य विकास संबंधी योजनाओं पर चर्चा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री का 11 फरवरी को झाबुआ में कार्यक्रम प्रस्तावित है। वह जनसभा को संबोधित करेंगे।
सूत्रों के अनुसार केन बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन लोकसभा चुनाव की घोषणा से कराने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं। यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। सिंचाई क्षमता में वृद्धि के साथ बिजली उत्पादन भी होगा। औद्योगिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।