मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक कृष्ण कुमार पाठक ने बताया कि महाशिवरात्रि पर मंगलनाथ और अंगारेश्वर मंदिर में भात-पूजन नहीं किया जाता है। इस दिन भक्तजन सुबह 6 बजे से शाम चार बजे तक महामंगल के दर्शन और जलाभिषेक करते हैं। महाकाल वन में स्थित चौरासी महादेव में से एक प्रसिद्ध अंगारेश्वर महादेव मंदिर में 29 फरवरी से शिवनवरात्र उत्सव की धूम देखने को मिलेगी।
नहीं होगी भात-पूजा
मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक कृष्ण कुमार पाठक ने बताया कि महाशिवरात्रि पर मंगलनाथ और अंगारेश्वर मंदिर में भात-पूजन नहीं किया जाता है। इस दिन भक्तजन सुबह 6 बजे से शाम चार बजे तक महामंगल के दर्शन और जलाभिषेक करते हैं। इसके बाद शाम 4 बजे भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और फिर मध्यरात्री को पुन: पूजन किया जाता है।
9 मार्च की तड़के सुबह 4 बजे भगवान के शीश पर पुष्प मुकुट सजाया जाएगा और फिर सेहरा उतरने के बाद भात पूजा पहले की तरह शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, मंदिर की परंपरा को जारी रखते हुए पुजारी सुबह 6 बजे भात-पूजा करेंगे, लेकिन भक्त नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर अभी अधिकारिक नोटिस नहीं आया है, लेकिन एक-दो दिन में आदेश जारी कर दिया जाएगा।
अंगारेश्वर में 29 फरवरी से शिव नवरात्रि की धूम
महाकाल वन में स्थित चौरासी महादेव में से एक प्रसिद्ध अंगारेश्वर महादेव मंदिर में 29 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव की धूम देखने को मिलेगी। दरअसल, मंदिर के पुजारी पं.रोहित उपाध्याय ने बताया कि ज्योतिर्लिंग महाकाल की तरह ही अंगारेश्वर महादेव मंदिर में भी शिव नवरात्रि उत्सव मनाने की परंपरा रही है। सबसे पहले 29 फरवरी को महादेव की हल्दी होगी और फिर उन्हें दूल्हा बनाया जाएगा। इसके बाद शाम को विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
नौ दिनों तक चलेगी विशिष्ट पूजा
विशिष्ट पूजा व शृंगार का यह क्रम पूरे नौ दिनों तक चलने वाला है। महाशिवरात्रि पर भगवान के शीश फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। भक्तों को दिनभर फलाहारी खीर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। महापर्व पर मंदिर को आकर्षक लाइटों और फूलों से सजाया जाएगा।