राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव (PA) बिभव कुमार को नोटिस भेज शुक्रवार को तलब किया है। बिभव पर AAP की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी का आरोप है।

इसी मामले में गुरुवार दोपहर 1 बजे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज करने के लिए उनके घर पहुंचे।

इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इसमें दो बातें हैं। पहला, अगर महिलाओं के साथ कुछ गलत होता है तो हम उनके साथ खड़े हैं। मैं हमेशा महिलाओं के साथ ही खड़ी रहती हूं चाहें वे किसी भी पार्टी की हों। दूसरा AAP आपस में चर्चा करेगी… वो आपस में निर्णय लेंगे। ये उन पर है। केजरीवाल इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।’

पहले स्वाति के साथ बदसलूकी के केस को समझिए

  • 13 मई की सुबह 9:34 बजे दिल्ली के सीएम आवास से पुलिस के पास एक फोन आया। कॉलर ने सिर्फ एक लाइन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बताया, ‘हमें सुबह 9:34 बजे एक PCR कॉल मिली। कॉल करने वाले ने कहा कि उसके साथ CM आवास के अंदर मारपीट की गई है। उसके बाद लोकल पुलिस और SHO ने कॉल का जवाब दिया। कुछ समय बाद, सांसद स्वाति मालीवाल पुलिस स्टेशन सिविल लाइंस आईं। इस मामले में उनकी ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई है।’
  • 14 मई को संजय सिंह ने कबूल किया कि मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता हुई। उन्होंने मीडिया से कहा, ’13 मई को बहुत ही निंदनीय घटना घटित हुई। सुबह अरविंद केजरीवाल से मिलने स्वाति मालीवाल उनके आवास पर पहुंची थीं। ड्रॉइंग रूम में केजरीवाल का इंतजार कर रही थीं। इस बीच मुख्यमंत्री के पीए बिभव कुमार वहां पहुंचे और उनके साथ अभद्रता और बदतमीजी की।
  • लखनऊ में केजरीवाल के साथ दिखे बिभव
    इंडिया ब्लॉक की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए केजरीवाल और संजय सिंह गुरुवार सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे। बिभव को लखनऊ एयरपोर्ट पर केजरीवाल के साथ देखा गया। मीडिया ने स्वाति मालीवाल केस को लेकर केजरीवाल से सवाल किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान दोनों को एक साथ गाड़ी में बैठा देखा गया।

    इंडिया ब्लॉक की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए केजरीवाल और संजय सिंह गुरुवार सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे।
    इंडिया ब्लॉक की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए केजरीवाल और संजय सिंह गुरुवार सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे।

    भाजपा ने कहा- केजरीवाल को पछतावा तक नहीं, AAP बोली- राजनीतिक खेल न खेलें

    • भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि स्वाति मालीवाल केस में अरविंद केजरीवाल को पछतावा तक नहीं है। इस केस का आरोपी उनके साथ घूम रहा है। उन्होंने साफ कर दिया है कि महिला सम्मान को लेकर उनके पास कोई जगह नहीं है। उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
    • संजय ने लखनऊ में कहा, ‘आम आदमी पार्टी हमारा परिवार है। पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है। स्वाति मालीवाल मामले पर राजनीतिक खेल न खेलें। इस मामले में पार्टी के अंदर चर्चा हुई है।
    • मायावती ने कहा, महिलाओं के उत्पीड़न मामले में चाहे वह कोई पार्टी हो या इन्डि हो या अन्य गठबन्धन हो, इन्हें दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाना चाहिए। बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व से जरूर सबक लेना चाहिए। AAP की महिला राज्यसभा सांसद के साथ सीएम आवास में अभद्रता के गंभीर मामले पर देश की नजर है। दोषी के विरुद्ध अब तक कार्रवाई नहीं होना अनुचित। ऐसे में राज्यसभा के सभापति और महिला आयोग को भी इस घटना का संज्ञान लेने की जरूरत है।

    पूर्व पति का दावा- स्वाति मालीवाल की जान खतरे में, केजरीवाल के PA ने किसी के कहने पर बदसलूकी की
    15 मई को मालीवाल के पूर्व पति नवीन जयहिंद ने दावा किया कि स्वाति की जान खतरे में है। स्वाति के साथ जो भी हुआ उसकी प्लानिंग की गई थी। नवीन ने कहा, ‘ स्वाति सामने आएं और अपना पक्ष रखें।’ इसके अलावा उन्होंने AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को लेकर कहा, ‘मैं संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुन रहा था और मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि उन्हें कैमरे के सामने एक्टिंग बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि उन्हें पूरा मामला पता था।’

  • बिभव सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में बर्खास्त हुए
    मार्च 2024 में बिभव को CM के पर्सनल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी कर कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए ये नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है। राजशेखर ने ये आदेश 2007 के एक मामले के आधार पर दिया।

    दरअसल, 2007 में बिभव पर एक सरकारी अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट का आरोप लगा था। नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात महेश पाल ने बिभव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता (एक पब्लिक सर्वेंट) को उसकी ड्यूटी करने से रोका, उसे गाली और धमकी दी। महेश ने 25 जनवरी 2007 को नोएडा सेक्टर-20 के पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से भी एक्शन लिया गया था।