गेल इंडिया महाराष्ट्र के नादेड में प्लांट लगाने में विफल रहने के बाद सीहोर आ रही है!स्मान्यतः इस तरह के प्लांट रेतीली मृत भूमि या समुद्र के पास लगाए जाते है ताकि जहरीला कचरा और जहरीली वायु का सामान्य जन पर असर न हो।
सीहोर के आष्टा के समीप गावो में 50000 करोड़ का यह प्लांट में लगभग 2000 एकड़ भूमि में लगना है
इस प्लांट के लगने के बाद क्या असर होगा?
1) ,लगभग 15 वर्ग किलोमीटर का एरिया इससे अत्यधिक प्रभावित होगा इसमें ग्राम भवरी, भौंरा ,अरनिया दाऊद, बागेर,बापचा,दौनिया,मांडली,भटोनी,गुराडिया,शोभाखेड़ी और आसपास के गांव इससे प्रभावित होंगे
2) इन इलाकों में अत्यधिक जहरीला धुआं फैलेगा जिससे स्वास के रोग एलर्जी अस्थमा आंखो में जलन जैसे कई रोग फेलेंगे
3 )इन इलाकों का तापमान सामान्य से लगभग 5 डिग्री बढ़ जाएगा।
4 )प्रभावित इलाकों में या तो बारिश ही नहीं होगी या अम्लीय वर्षा होगी जिससे सभी जीवों और फसले खराब होगीऔर मिट्टी धीरे धीरे बंजर हो जायेगी
5) एथेन क्रैकिंग से जो वेस्ट मटेरियल जो यहीं पर डंप होगा उससे पानी अत्यधिक विषैला और कैंसर कारक हो जाएगा
6) कच्चे माल,और तैयार माल के परिवहन के लिए भारी वाहनों का आवागमन होगा जिस

ई खबर मीडिया  आष्टा से राजकुमार पाल की रिपोर्