मध्य प्रदेश : जिला टीकमगढ़, बलदेवगढ़ – थाना प्रभारी को लिखे आवेदन में तिजियाबाई अहिरवार और पति स्वर्गीय मोहन उर्फ़ सुकली पुत्र श्रीराम ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 जून 2024 को सुबह 9 बजे उनके और उनके परिवार के साथ जातिसूचक गालियाँ देते हुए मारपीट की गई।
आवेदन में तिजियाबाई ने बताया कि वह और उनके पुत्र श्रीराम, सोनू, फूलचंद्र, खुमान और जेठ अलमा अपनी कृषि भूमि, ग्राम प्रेमपुरा, खसरा नंबर 284, 314/2, रकवा 0.166, 0.797 पर ट्रेक्टर से जुताई कर रहे थे, जब आरोपियों ने उन पर हमला किया।
तिजियाबाई ने बताया कि उन्होंने 12 दिसंबर 2023 को तहसीलदार से सीमांकन आदेश प्राप्त किया था, जिसके तहत उनकी भूमि पर से रामसहाय, कमल लाल सेन, और मातादीन का कब्जा हटाया जाना था। बावजूद इसके, आरोपीगण उनकी जमीन पर अवैध कब्जा बनाए हुए हैं। खेतों में खदान कर दी गई है, महुआ के पेड़ काट दिए गए हैं, और एक पेड़ में आग लगा दी गई है। कम से कम 1000 पेड़ों को काटकर बेच दिया गया है। पीड़ित परिवार ने वन विभाग से भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है।
14 जून की घटना में, जब तिजियाबाई और उनका परिवार खेत जोत रहे थे, तब आरोपी कमल लाल, रामसहाय, तनय जग्गी नाई, मातादीन, चाऊदा, बृज किशोर, निरपत, मुकेश, पुष्पेन्द्र, परमलाल, नेपाली उर्फ हरप्रसाद, तेजसिंह, गोलू, रती, मंलन, और अन्य लोग आए और जातिसूचक गालियाँ देते हुए मारपीट करने लगे।
आरोपियों ने धमकी दी कि अगर तिजियाबाई और उनका परिवार खेत पर दोबारा आए, तो उन्हें जान से मार देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास ऊपर तक पहुंच है और एससी/एसटी एक्ट का डर उन्हें नहीं है।
तिजियाबाई ने पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए अपने और अपने परिवार के लिए न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई है।
बल्देवगढ़ थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति की महिला किसान तिजियाबाई अहिरवार को अपनी स्वामित्व वाली कृषि भूमि पर खेती करने से रोकने का गंभीर मामला सामने आया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपीगणों ने उनके खेत पर आकर उन्हें और उनके परिवार को अश्लील गालियां दीं, जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और जान से मारने की धमकी दी।
तिजियाबाई ने बताया कि उनके स्वामित्व की भूमि खसरा नंबर 284 और 314/2, ग्राम प्रेमपुरा, तहसील टीकमगढ़ में स्थित है। उन्होंने 12 दिसंबर 2023 को तहसीलदार न्यायालय के आदेश से अपनी भूमि का सीमांकन करवाया था। 14 जून 2024 को जब उन्होंने ट्रैक्टर से अपनी जमीन की जुताई शुरू की, तो आरोपी कमललाल, रामसहाय, मातादीन,चाऊदा, बृज किशोर, दुर्ग सिंह, बिहारी, निरपत, मुकेश, पुष्पेंद्र, परमलाल, निरपली, खेत सिंह, गोलू समेत अन्य लोग वहां पहुंचे और गालियां देने लगे।
शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने तिजियाबाई और उनके बेटे श्रीराम अहिरवार को धमकी दी कि अगर वे फिर से इस जमीन पर आए तो पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। आरोपियों ने ट्रैक्टर चालक संतोष यादव के साथ भी मारपीट की और उसे वहां से भगा दिया।
पीड़ित परिवार ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता के बेटे श्रीराम ने बताया कि पूरे परिवार को दबंगों द्वारा जान से मारने की धमकियां रोज दी जाती हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि ऐसे दबंग लोगों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार कर कारागार में डाला जाए। श्रीराम ने कहा कि यदि भविष्य में उनके परिवार को कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार उपरोक्त आरोपी होंगे। आरोपियों का संबंध ओबीसी समाज से है।
तिजियाबाई का आरोप है कि स्थानीय पुलिस थाना बल्देवगढ़ द्वारा आरोपियों का संरक्षण किया जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ पीड़ितों की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया कि अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें न्याय एवं सुरक्षा प्रदान की जाए।
इस घटना के बाद से स्थानीय समुदाय में आक्रोश है और उन्होंने तिजियाबाई के साथ न्याय की मांग की है। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट