अरविंद केजरीवाल का आशियाना बदलने वाला है. अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. लिहाजा उन्हें मुख्यमंत्री आलवास अब खाली करना होगा. अरविंद केजरीवाल ने पितृपक्ष के बाद सरकारी आवास और सुविधाएं छोड़ने का ऐलान किया है. अरविंद केजरीवाल ने नया घर फाइनल कर लिया है. उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिन में वह अपने नए घर में शिफ्ट हो जाएंगे. अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना फिरोजशाह रोड पर होगा. हालांकि, बंगले को लेकर अब भी सस्पेंस है.

दरअसल, अरविंद केजरीवाल कई बार यह बता चुके हैं कि उन्होंने अपने लिए दिल्ली में अब तक कोई मकान नहीं बनाया है. सूत्रों के मुताबिक, अरविन्द केजरीवाल ने अपने लिए घर तय कर लिया है. अरविंद केजरीवाल ऐसा मकान चाहते हैं, जिस पर कोई विवाद ना हो. साथ ही उनकी विधानसभा नई दिल्ली इलाके में ही घर हो ताकि वो लोगों से जुड़े रह सकें. इसका मतलब है कि वह नई दिल्ली विधानसभा में ही रहेंगे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सयोंजक अरविंद केजरीवाल के रहने के लिए अब तक दो घरों पर विचार हो रहा है. इन दोनों घरों का पता लुटियंस दिल्ली के फिरोजशाह रोड का है. यहां बताना जरूरी है कि फिरोजशाह रोड पर आम आदमी पार्टी के दो राज्यसभा सांसदों का भी घर है. अब जानते हैं कि आखिर अरविंद केजरीवाल फिरोजशाह रोड पर कहां रह सकते हैं.
पहला पता:
बंगला नंबर 5, फिरोजशाह रोड: पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को यह सरकारी घर मिला हुआ है. एनडी गुप्ता की तरह ही अशोक मित्तल भी अपने इस सरकारी आवास में नहीं रहते हैं. यहां अब तक अशोक मित्तल के कर्मचारी ही इस सरकारी बंगले में रहते हैं. अरविंद केजरीवाल इस घर पर भी विचार कर रहे हैं.
दूसरा पता:
बंगला नंबर 10, फिरोजशाह रोड: दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता को यह सरकारी आवास आवंटित किया गया है. एनडी गुप्ता अपने परिवार के साथ अपने निजी आवास में रहते हैं जबकि उनके सरकारी घर में उनके कार्यालय चलता है.

अरविंद केजरीवाल बंगला नंबर 5 या बंगला नंबर 10 में रहेंगे, अभी तक यह फाइनल नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने फाइनल कर लिया है, मगर डिटेल सामने नहीं आई है. नवरात्र शुरू होते ही वह नए घर में शिफ्ट हो जाएंगे. अरविंद केजरीवाल बीते दिनों जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया.