हिन्दुस्तान को अंग्रेजों से 15 अगस्त सन 1947 में आजादी मिली, हम लोग अंग्रेजों से आजाद हो गये, प्रशासन अधिकारी अफसरों से फिर से उनके गुलामियों में हम लोग जकड़ गये।
इस,साल .78 स्वतंत्रता दिवस मनाया गया इसको. पेपर पेपर व्यूज जोड़ना है इनको हटा देना है 77 स्वतंत्रता दिवस
इस साल 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे है हम लोगो को अंग्रेजो से छुटकारा मिल गया, ओर तानाशाह अधिकारियों से मध्यम वर्ग लोगों के साथ आज भी जुल्म हो रहा है भारत वर्ष में, मध्यप्रदेश डाबरा पुलिस थाना 25.05. 2005 एक महिला विमला देवी उम्र 56 साल उसके घर पर पुलिस आती है विमला देवी के तीन लडके थे उनके बारे में पूंछते है और तीनो को थाने ले जाते है विमला देवी पूछती है कहां ले जा रहे हो थाने ले जा रहे है कुछ पूंछताछ करनी है फिर छोड देगें तीन बच्चे को ले गये शाम के दो बच्चो को छोड दिये और तीसरे को उन्होने नही छोडा उसका नाम रहा खुशहाली राम वह पुलिस कस्टडी में रहा घरवाले भागे-भागे पुलिस थाने पहुंचे बात क्या है यहां तक कि मिलने नही दिये करीब हफ्ता बीत गया कोई पता नही पडा, वह बार-बार जाये पुलिस वाले कुछ बताये नहीं पुलिस वालो ने यह कहानी सुनाये कि हमने छोड दिया वह भाग गया हमारे पास नहीं है। दोनो भाई और मां अपने बच्चे को तलाश रही है थानेदार खुद ले गया रहा पुलिस डाबरा थाने का उनके भाई और मां सब जगह तलासे तीसरे बच्चे का कोई पता नही पडा धीरे-धीरे वक्त बीता कुछ दिनो के बाद उनके पडोसियों ने अखबार लाकर दिया पडोसियो ने बोला कि देखो अखबार में क्या लिखा है पुलिस ने इनकाउन्टर में उनके बेटे को मार दिया बकायदा पेपर में उनकी फोटो भी छपी रही फोटो के साथ लिखा कालिया उर्फ बृजकिशोर बदनाम डाकू मुढभेढ में मारा गया कालिया उर्फ बृजकिशोर फिर विमला देवी ने फोटो देखा फोटो तो बेटे की है नाम और कुछ आ रहा है। य लोग भागे-भागे गये जहां पर इनकाउन्टर हुआ था फिर पुलिस वालो के पास गई फिर अदालत पहुंची कि इनकी इंक्वारी करवाई जाये और इजाजत दिलवाई जाये फिर वकील किया फिर कोर्ट से आदेश हुआ फिर सीनियर पुलिस वालो ने कमेटी बैठाई कहा गया जांच किया जाये फिर जांच म पता चला जिस बंदे का नाम लिखा है कालिया उर्फ बृजकिशोर मसहूर बदनाम क्रिमिनल वह मारा गया इनकाउन्टर में वह कालिया उर्फ बृजकिशोर झांसी डिस्ट्रिक्ट जेल में दो साल से बंद है इंक्वारी हुई अभी भी वही बंद है फिर सवाल यह था कि मारा कौन गया अखबार में फोटो विमला देवी के बेटे का था नाम उस डाकू का था वह अभी जिंदा है इन्काउन्टर के पहले से झांसी के जेल में बंद था मजिस्ट्रेट ने इंक्वारी करवाई रिपोर्ट आई अब इनके ऊपर मुकदमा चलेगा जो इंस्पेक्टर विमला देवी के बेटे को उठाकर ले गये अब 2024 जुलाई आ गया है वे इंस्पेक्टर एस.पी. बनकर अभी दतिया में है वे इंस्पेक्टर उस समय इनाम और प्रमोशन पाने के लिये फर्जी कालिया उर्फ बृजकिशोर का इन्काउन्टर किया। कई बार कोर्ट से उस इंस्पेक्टर का सम्मन गया कि कोर्ट में हाजिर हो अभी जुलाई में म०प्र० हाईकोर्ट ने पहले स्टेट गर्वमेन्ट को एक लाख का जुर्माना किया इस परिवार को दो अभी म०प्र० पुलिस डी.जी.पी. को कहा गया कि तुम्हारा इंस्पेक्टर इतना बडा है कि बार-बार सम्मन भेजने पर भी कोर्ट में एक बार भी नही पहुंचा पेशी में। इन्काउंटर में कालिया के जगह पर एक बेगुनाह इंसान मारा गया। कानून के रखवाले और नुमाइंदे ये लोग सरकार से इनाम पाने के लिये और प्रमोशन पाने के लिये फर्जी इंन्काउन्टर करके बेगुनाहों की हत्या कर देते है जो हत्यारे लोग रहते है उन लोगो के ऊपर कोई कार्यवाही नही करते है और आजाद छोड देते है माननीय उच्च न्यायलय आदेश के बाद भी कानून के रखवाले और नुमाइंदे आदेश का भी पालन नही करते है। एक शहडोल संभाग म०प्र० में एक प्राइवेट हास्पिटल श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर उस हास्पिटल में कई मरीजो की हत्यायें हुई जिला प्रशासन अधिकारी लोग शहडोल के उस हास्पिटल में कोई कार्यवाही नही किये शिकायतकर्ता जिला प्रशासन अधिकारियो के पास कई बार शिकायत कर आवेदन दिया कि श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल में जो डायलिसिस होता है वे गणेश कुशवाहा करता है उनके पास कोई डिग्री नहीं है और डायलिसिस करने का कोई ज्ञान भी नहीं है। पूर्व में पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी रहे वे जांच करवाये उपपुलिस अधीक्षक व्ही.डी. पाण्डेय से, जब श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल के प्रबंधक विजय द्विवेदी का बयान एंव कथन लिये उसने बयान दिया कुशल टेक्निशियन स्वास्थ्य चिकित्सालय गोपीलाल के द्वारा मरीज का डायलिसिस होता है फिर व्ही.डी. पाण्डेय ने दूसरा बयान कथन लिया गणेश कुशवाहा से उसने अपना बयान दे रहा है कि मै श्रीराम हास्पिटल डायलिसिस विभाग में सहायक के रूप पर कार्य करता हूं पिछले तीन साल से फिर शिकायतकर्ता पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी से जाकर मिला कि श्रीराम हेल्थ केयर सेन्अर का प्रबंधक और गणेश कुशवाहा ये दोनो लोग झूठा बयान दिये है शिकायतकर्ता ने बोला कि हमारी मोबाइल काल डिटेल निकलवाइये कि मेरी बात गणेश कुशवाहा से होती रही कि गोपीलाल से बात होती रही आज तक मैं गोपीलाल को और मेरा परिवार कोई गोपीलाल को देखा भी नही है, और पहचानता भी नही हूं, पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी शिकायतकर्ता को बोला कि मोबाइल काल डिटेल मिल जायेगी दो दिन के बाद फिर शिकायतकर्ता दो दिन के बाद फिर गया पुलिस अधीक्षक के पास वहां पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य अवधेश गोस्वामी के चेम्बर में बैठा रहा अवधेश गोस्वामी ने मुकेश वैश्य को बोला कि इनको मोबाइल काल डिटेल चाहिये मुकेश वैश्य बोला शिकायतकर्ता को बाद में आकर मिलना मै बताउंगा कि इसका प्रोसीजर क्या है देने का, फिर शिकायतकर्ता फिर चार दिन के बाद गया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य के पास, मुकेश वैश्य ने बोला कि आपको मोबाइल काल डिटेल नहीं दे पायेगें फिर शिकायतकर्ता ने मुकेश वैश्य को श्रीराम हास्पिटल के प्रबंधक और गणेश कुशवाहा का कथन का कागज दिया ये दोनो लोग झूठा बयान दिये है मुकेश वैश्य ने शिकायतकर्ता को कथन का कागज और आवेदन उसके ऊपर फेक दिया ओर मुकेश वैश्य चिल्लाने लग गये और शिकायतकर्ता के साथ अभद्रता दुर्व्यवहार किया शिकायतकर्ता मजबूरन माननीय उच्च न्यायलय के शरण में गया माननीय उच्च न्यायलय ने आदेश किया श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल की जो-जो जांचे की है तीन हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सम्मिलित की जाये हाईकोर्ट में जिला प्रशासन के अधिकारी लोग जांच करने की कमेटी बनाये उस कमेटी में उप पुलिस अधीक्षक सोनाली गुप्ता स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.ओ. एम.एस.सागर डॉ० ए०के०लाल, डॉ० वाई०के० पासवान, डॉ० हीरालाल शुक्ला इन लोगो की टीम बनी स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.ओ. ने अपने स्टाफ गोपीलाल की डिग्री लगाकर झूठी रिपोर्ट बनाये स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.ओ. के कहने पर उपपुलिस अधीक्षक सोनाली गुप्ता ने गोपीलाल का कथन बयान लिया जिला प्रशासन के अधिकारी और डॉ० लोग माननीय उच्च न्यायलय में झूठा एफीडेविट और झूठी रिपोर्ट जाकर पेश किया क्योकि जिला प्रशासन अधिकारियों को हत्यारो से मुंह मांगा इनाम मिला फर्जी इन्काउंटर होने पर सरकार के तरफ से इनाम मिलता है माननीय उच्च न्यायलय म फर्जी डाकूमेन्ट जमा करो आरोपी हत्यारे लोग अधिकारियों को इनाम देते है भारत देश को आजाद हुये 77 साल हो गया कानून के रखवाले और नुमांइदे से आज भी हम लोग उनके गुलाम बने हुये है क्योकि अधिकारी लोग चाहते मोबाइल काल डिटेल निकाल लेते तो जो गोपीलाल झूठा बयान दिया उनका लाइडिटेक्टर करवाते पूरी सच्चाई सामने आ जाती श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर के हत्यारे लोग जेल के अंदर होते और सजा काटते होते।
राजेश कुमार विशनदासानी शहडोल म०प्र०