महामंत्री जीतेन्द्र सिंह का कहना है कि विहिप नेपाल की ओर से जनकपुरधाम को विश्व में विवाह स्थल के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रति वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। इस तरह से शादी करने वाले अधिकतर परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। 20 वर्ष पार करने वाले ऐसे जोड़ों की शादी उनके परिवार की सहमति से ही की जाती है।
इस विवाह समारोह के दौरान शादी से पहले दोपहर में दूल्हे को रथ में बिठाया गया और पूरे शहर की परिक्रमा की गई। जानकी मंदिर के प्रांगण में दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को माला और अंगूठी पहनाई। इसके बाद विवाह की बाकी सभी रस्में परम्परागत ढंग से हुईं। परिषद के महामंत्री जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि आयोजकों की तरफ से सभी दुल्हनों को सोने का मंगलसूत्र, दूल्हे को चांदी की अंगूठी और एक जोड़ा वस्त्र भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि नवविवाहित जोड़े को उपहार में बर्तन भी दिए गए।
परिषद के जनकपुर अध्यक्ष संतोष साह ने बताया कि इस पूरी शादी का खर्च विश्व हिन्दू परिषद के समन्वय में समाज से एकत्रित धनराशि से किया गया। उन्होंने प्रति जोड़े की शादी का खर्च करीब 80-85 हजार रुपये होने की जानकारी भी दी।