लखनऊ। गोमती नगर विस्तार स्थित विनोद अस्पताल के खिलाफ नीरज नामक एक मरीज ने गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। नीरज, जो सहजापुर, थाना-महोली, जिला सीतापुर के निवासी हैं और फिलहाल कौशलपुरी कॉलोनी, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ में सब्जी का ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं, ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, अपर पुलिस आयुक्त, क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष को एक शिकायत पत्र भेजा है। इस पत्र में नीरज ने विनोद अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

नीरज ने बताया कि 28 अप्रैल 2022 को गड़रियन पुरवा स्थित नाले के पास उनका बैटरी रिक्शा पलट गया था, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका पैर टूट गया। उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोग उन्हें तुरंत गीतापुरी कॉलोनी स्थित विनोद अस्पताल, खरागापुर, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ ले गए। अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया, जहां इलाज के लिए 60,000 रुपये जमा कराए गए, लेकिन उन्हें दवाइयों की पूरी रसीदें नहीं दी गईं।

नीरज का कहना है कि इलाज के दौरान उन्हें असहनीय दर्द से गुजरना पड़ा, फिर भी उन्हें सही इलाज नहीं मिला। 29 अप्रैल 2022 को ग्रीन सिटी अस्पताल, कुर्सी रोड से उनके पैर का ऑपरेशन कराया गया और फिर से विनोद अस्पताल में लाया गया। यहां नीरज से एम्बुलेंस और एक्स-रे का खर्चा भी वसूला गया। कुल 14 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद भी नीरज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्हें बार-बार दर्द निवारक इंजेक्शन दिए गए और आश्वासन दिया गया कि 10 दिनों के अंदर वे चलने लगेंगे। लेकिन जब उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें यह कहकर डिस्चार्ज कर दिया गया कि वे घर पर रहकर ठीक हो जाएंगे।

डिस्चार्ज के समय नीरज के परिवार से 10,000 रुपये और वसूले गए, लेकिन जब उन्होंने जमा की गई राशि की रसीदें मांगीं, तो उन्हें धमकी दी गई कि यदि ज्यादा चालाकी दिखाई, तो उनकी जिंदगी खराब कर दी जाएगी। डिस्चार्ज होने के बाद नीरज 14 मई 2023 को हेल्थ सिटी अस्पताल गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके पैर में संक्रमण हो गया है और उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा। इस स्थिति में उनका छह बार ऑपरेशन किया गया।

सहजापुर, सीतापुर निवासी नीरज (35) ने विनोद अस्पताल, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ पर लापरवाही और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजा है। 28 अप्रैल 2022 को बैटरी रिक्शा पलटने से नीरज के पैर में गंभीर चोट आई, जिसके इलाज के लिए उन्होंने 60,000 रुपये जमा किए। नीरज का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गई, और डिस्चार्ज के बाद उनके पैर में संक्रमण हो गया, जिससे छह बार ऑपरेशन करना पड़ा। जब नीरज ने अस्पताल से जमा राशि की रसीदें मांगीं, तो उन्हें धमकाया गया। अब नीरज ने सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

नीरज ने मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील की है कि विनोद अस्पताल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य मरीज के साथ ऐसी लापरवाही और धोखाधड़ी न हो।

 

ई खबर मीडिया के लिए  ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट