भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच पांच मैचों की आखिरी मुकाबले में इंग्लैंड टीम ने बैटिंग का फैसला किया। धर्मशाला के HPCA स्टेडियम में खेला जा रहा ये मैच टीम इंडिया के स्पिनर आर अश्विन और जॉनी बेयरस्टो के लिए बेहद स्पेशल है क्योंकि दोनों ही अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं। मैच शुरू होने से पहले आर अश्विन को कोच राहुल द्रविड़ ने स्पेशल कैप दी।

भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच पांच मैचों की आखिरी मुकाबले में इंग्लैंड टीम ने बैटिंग का फैसला किया। धर्मशाला के HPCA स्टेडियम में खेला जा रहा ये मैच टीम इंडिया के स्पिनर आर अश्विन और जॉनी बेयरस्टो के लिए बेहद स्पेशल है, क्योंकि दोनों ही अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं।

मैच शुरू होने से पहले आर अश्विन (R Ashwin 100th Test) को हेड कोच राहुल द्रविड़ ने स्पेशल कैप दी। इस दौरान स्टेडियम में अश्विन की बेटी और उनकी वाइफ भी उनके इस खास दिन पर उन्हें सपोर्ट करने पहुंची। जब द्रविड़ ने अश्विन को स्पेशल कैप दी तो उनकी बेटी और वाइफ भावुक नजर आए। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी वायरल हो रहा है।

100वें टेस्ट मैच खेलने उतरे R Ashwin को मिला गार्ड ऑफ ऑनर

दरअसल, भारत के स्पिनर आर अश्विन (R Ashwin) को जिस पल का इंतजार था, वह आ ही गया। अश्विन ने धर्मशाला में अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने के लिए मैदान पर कदम रखा, तो भारतीय खिलाड़ियों ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया। साथी खिलाड़ियों से अश्विन को गार्ड ऑफ ऑनर मिला, जिसकी तस्वीरें वायरल हो रहा है।

इसके साथ ही भारतीय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने अश्विन को उनकी पत्नी पृथ्वी नारायणन और उनकी दोनों बेटियों की मौजूदगी में 100वें टेस्ट के लिए स्पेशल कैप सौंपी। 2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद, अश्विन भारत के सबसे बड़े मैच विनर में से एक बनकर सामने आए हैं। ऐसा एक दिन पहले कप्तान रोहित ने भी अपनी प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कहा था। बता दें कि अश्विन अनिल कुंबले के दूसरे भारतीय बॉलर बन गए हैं, जिन्होंने 500 से ज्यादा टेस्ट विकेट लिए है।

बता दें कि आर अश्विन भारत के लिए 100 या उससे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। वह 100 या उससे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले 14वें भारतीय खिलाड़ी बने। टेस्ट में अश्विन ने 507 विकेट अभी तक ले लिए हैं। वह 100 टेस्ट से कम मैचों में 500 से ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उनसे पहले पूर्व श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन ने यह कारनामा किया था।