आज हम आपके सामने खगरिया, बिहार की एक दिल दहलाने वाली कहानी लेकर आए हैं। यह कहानी है सविता की, जो पसराहा थाना क्षेत्र के बसवा गांव की रहने वाली है। सविता ने अपने पति जितेंद्र दास और उसके परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यह कहानी केवल एक महिला के संघर्ष की नहीं है, बल्कि समाज में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार की एक और तस्वीर है।

सविता की शादी 2021 में जितेंद्र दास से हुई थी, लेकिन शादी से पहले ही 2019 में जितेंद्र ने सविता को प्रेम के जाल में फंसा लिया था। सविता के दो छोटे बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी। लेकिन शादी के बाद से ही जितेंद्र का व्यवहार बदल गया। सविता का आरोप है कि जितेंद्र ने उसे पहली बार तब छोड़ा, जब उनका बेटा मात्र 8 महीने का था और वह बेंगलुरु भाग गया।

फिर 2023 में एक बार फिर जितेंद्र ने सविता को छोड़ दिया और अब हाल ही में 11 अगस्त को बेंगलुरु भाग गया। इस बार सविता का कहना है कि जितेंद्र ने सुनील नाम के व्यक्ति की पत्नी के चक्कर में पड़कर उसे छोड़ दिया है।

लेकिन सबसे दर्दनाक बात यह है कि जितेंद्र ने सविता को धमकी दी है कि वह जेल भी काट लेगा, लेकिन सविता को अपने साथ नहीं रखेगा। उसने साफ-साफ कहा, “मैं तुझे जेल में भी काट लूंगा पर तुझे नहीं रखूंगा।” एक पत्नी के लिए इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है?

सविता ने बताया कि जितेंद्र ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी है। उसने कहा कि अगर वह उसके घर गई तो वह उसे मार देगा। सविता को जितेंद्र की पहली पत्नी से भी धमकियाँ मिल रही हैं कि अगर वह उनके घर आई तो उसे जहर देकर मार दिया जाएगा।

इतना ही नहीं, सविता ने बताया कि जितेंद्र और उसके परिवार ने मिलकर उसका हाथ तोड़ दिया और उसकी दवा भी नहीं करवाई। उसे सरकारी अस्पताल जाकर अपना इलाज करवाना पड़ा।

सविता ने पहले भी इन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था, लेकिन अब उसे केस की कॉपी तक नहीं दी जा रही है। वकील मिथुन ने 20,000 रुपये की मांग की है, जिससे वह केस के दस्तावेज़ उसे दे सके।

आज सविता न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रही है। उसका परिवार भी उसे अपनाने से इंकार कर रहा है, और वह बेहद मुश्किल हालात में अपना जीवन बिता रही है। सविता की बेटी पल्लवी कुमारी और बेटा मयंक कुमार भी अपने पिता से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल धमकियाँ मिल रही हैं।

दोस्तों, यह एक ऐसी कहानी है जो हमारे समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार की सच्चाई को उजागर करती है। क्या सविता को न्याय मिलेगा? क्या जितेंद्र को उसके किए की सजा मिलेगी?