संभावना है कि नए साल से पहले कर्मचारियों पेंशनरों के डीए में 4 फीसदी वृद्धि के आदेश जारी किए जा सकते है, वही जनवरी से कर्मचारियों पेंशनरों के खाते में बढ़कर राशि आ सकती है।
उत्तराखंड के लाखों सरकारी कर्मचारियों पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। राज्य कर्मचारियों पेंशनरों को जल्द केन्द्र के समान महंगाई भत्ते का लाभ मिलने वाला है। खबर है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से मुलाकात के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया है। संभावना है कि नए साल से पहले कर्मचारियों पेंशनरों के डीए में 4 फीसदी वृद्धि के आदेश जारी किए जा सकते है, वही जनवरी से कर्मचारियों पेंशनरों के खाते में बढ़कर राशि आ सकती है।
4 फीसदी बढ़ेगा डीए
दरअसल, वर्तमान में राज्य कर्मचारियों पेंशनरों को 42 फीसदी डीए का लाभ दिया जा रहा है । केन्द्र द्वारा 4 फीसदी डीए वृद्धि के बाद अब प्रदेश के 3 लाख से अधिक राजकीय, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी निकायों के कार्मिकों व पेंशनर के महंगाई भत्ते को 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत किया जाना है यानि डीए में 4 फीसदी वृद्धि होना है। इसके लिए वित्त विभाग ने पहले ही फाइल सीएम धामी को भेज दी है, लेकिन अबतक इस पर मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन अब परिषद को आश्वासन मिलने के बाद कयास लगाए जा रहे है कि एक हफ्ते के अंदर कर्मचारियों के डीए के प्रस्ताव को कैबिनेट में लाकर मंजूरी दी जा सकती है, इसके बाद वित्त विभाग आदेश जारी कर सकता है।
अगर नई दरें जुलाई 2023 से लागू होती है तो जुलाई से नवंबर तक का एरियर भी मिलेगा। वही दिसंबर की सैलरी में डीए की नई दरें और एरियर का लाभ भी दिया जा सकता है, जो जनवरी में मिलेगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नही है कि डीए कब से लागू होगा और कब से इसका लाभ मिलेगा।खबर है कि डीए के अलावा परिषद ने सीएम के समक्ष पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को लागू करने की भी बात रखी थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि आगामी कैबिनेट बैठक में शिथिलीकरण का प्रस्ताव लाया जाएगा।
निगमकर्मियों को भी डीए का इंतजार
इधर, राज्य के निगमों, सार्वजनिक और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को भी जनवरी 2023 से अबतक महंगाई भत्ते का लाभ नही मिला है, जिसके चलते कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, ऐसे में इस संबंध में 2 जनवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है, जिसमें महंगाई भत्ता वृद्धि पर अंतिम फैसला लिए जाने की संभावना है ।बैठक में सहमति बनने के बाद फिर प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है यानि डीए के लिए कर्मचारियों को नए साल तक का इंतजार और करना पड़ेगा।