बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट कारोबार करते दिखे। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो आज ऑटो, ऑयल एंड गैस, पावर, टेलीकॉम, मीडिया में 0.5-1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि आईटी और रियल्टी में 0.5-1 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली।
ग्लोबल संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को सपाट बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी मंगलवार को कारोबारी सत्र के आखिर में 8.95 अंक की गिरावट के साथ 24,610.05 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 1.59 अंक की मामूली बढ़त के साथ 81510.05 के लेवल पर बंद हुआ। हालांकि बैंक निफ्टी में 169.95 अंकों की उछाल दर्ज की गई और यह आखिर में 53577.70 के लेवल पर बंद हुआ।
इन शेयरों में रही ये हलचल
आज के सत्र में श्रीराम फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, विप्रो, एचसीएल टेक और इंफोसिस निफ्टी 50 के 23 शेयरों में शामिल रहे, जो 2.48 प्रतिशत तक की बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए। मंगलवार को निफ्टी 50 के 50 में से 27 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जिनमें डॉ रेड्डीज लैब्स, अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स, भारती एयरटेल और एचडीएफसी लाइफ शामिल हैं, जो 1.40 प्रतिशत तक टूट गए। अदानी ग्रुप के दूसरे शेयरों की बात करें तो इनमें अदानी ग्रीन एनर्जी 3.45 प्रतिशत नीचे बंद हुआ, अदानी पावर 2 प्रतिशत नीचे, अदानी टोटल गैस 1.85 प्रतिशत नीचे और अदानी विल्मर 1.41 प्रतिशत नीचे बंद हुआ।

इन शेयरों में हलचल रही तेज
आज के कारोबार की शुरुआत में भारती एयरटेल, अदानी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली, जबकि बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील और टाइटन कंपनी के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। खबर के मुताबिक, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट कारोबार करते दिखे। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो आज ऑटो, ऑयल एंड गैस, पावर, टेलीकॉम, मीडिया में 0.5-1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि आईटी और रियल्टी में 0.5-1 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली।

एशियाई मार्केट का हाल
चीन के शीर्ष नेताओं द्वारा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अगले साल और अधिक प्रोत्साहन देने के संकेत दिए जाने के बाद अधिकांश एशियाई इक्विटी में तेजी आई। चीन और हांगकांग में बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स में बढ़त दर्ज की गई, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आई, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया में भी तेजी दर्ज की गई। बीजिंग की घोषणा के कारण लौह अयस्क में दो महीने में सबसे अधिक उछाल आया।

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