फ्रांस ने भारतीय नौसेना के विमान वाहक जहाज आइएनएस विक्रांत और आइएनएस विक्रामादित्य के लिए 26 राफेल समुद्री फाइटर जेट खरीदने के लिए टेंडर ओपन कर दिया है। अब फ्रांस ने इस सौदे के लिए अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क के तहत यह सौदा किया जाएगा। रक्षा सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है।

भारतीय सेना के बेड़े में जल्द ही 26 राफेल समुद्री फाइटर जेट और शामिल होने वाले हैं। फ्रांस ने भारतीय नौसेना के विमान वाहक जहाज आइएनएस विक्रांत और आइएनएस विक्रामादित्य के लिए 26 राफेल समुद्री फाइटर जेट खरीदने के लिए टेंडर ओपन कर दिया है। भारत ने इस बारे में फ्रांस से वार्ता की थी।

फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों की एक टीम आई भारत

अब फ्रांस ने इस सौदे के लिए अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क के तहत यह सौदा किया जाएगा। रक्षा सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेशों में सैन्य बिक्री से जुड़े फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों की एक टीम भारतीय निविदा पर प्रतिक्रिया के लिए पेरिस से दिल्ली आई है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि अब भारत फ्रांस की बोली की समीक्षा करेगा। फ्रांसीसी बोली में वाणिज्यिक प्रस्ताव या विमान की कीमत के साथ-साथ अनुबंध के अन्य विवरण भी शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि जुलाई में रक्षा मंत्रालय ने राफेल के नौसेना संस्करण को खरीदने का फैसला किया था।

अक्टूबर में दसौ के अध्यक्ष ने भारत का दौरा किया 

करीबन एक महीने से अधिक समय पहले भारत ने फ्रांस की सरकार को औपचारिक रूप से अनुरोध पत्र भेजकर दसौ एविएशन से विमान खरीदने की सूचना दी थी। इस सौदे को लेकर अक्टूबर की शुरुआत में दसौ के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने नई दिल्ली का दौरा कर भारत की इस संभावित खरीद के बारे में विचार-विमर्श किया था।

इस सौदे का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया पेरिस दौरे पर लिया गया था। गौरतलब है कि भारतीय नौसेना और भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए फास्ट-ट्रैक मोड में काम कर रही हैं कि अधिग्रहण अनुबंध पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर किए जाएं।

टाटा बोइंग एयरोस्पेस ने की अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टर के 250वें ढांचे की आपूर्ति

टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड ने हैदराबाद में अपनी अत्याधुनिक सुविधा में निर्मित एएच-64 अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टर के लिए 250वां ढांचे (फ्यूजलेज) की आपूर्ति की। कंपनी ने बुधवार को कहा कि ये ढांचे अमेरिकी सेना सहित दुनिया भर के ग्राहकों के लिए निर्मित किए जाते हैं।

टीबीएएल ने कहा कि 250वें भारत निर्मित ढांचे की आपूर्ति भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और देश की स्वदेशी विनिर्माण क्षमता को आगे बढ़ाने के कंपनी के निरंतर प्रयास का प्रमाण है।