मध्यप्रदेश के आधे हिस्से में 30 मार्च से फिर मौसम बदलेगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत 32 जिलों में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं बादल छाएंगे। ऐसा 29 मार्च से एक्टिव होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से होगा। हालांकि, अभी एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय है। जिसका असर छतरपुर, सतना, मैहर और रीवा जिलों में देखने को मिल रहा है। इस कारण दिन के टेम्प्रेचर में मामूली गिरावट भी हुई।
हल्की बारिश और बादल छाने से पहले मंगलवार को कई जिलों में
भोपाल, 26 मार्च (हि.स.)। मार्च में चौथी बार मध्यप्रदेश का मौसम एक बार फिर बदलने जा रहा है। 29 मार्च को एक्टिव हो रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, जबकि बादल भी छा सकते हैं। इससे पहले तेज गर्मी का असर रहेगा। अब तक के ट्रेंड के अनुसार, कई शहरों में पारा 40 डिग्री के पार भी पहुंच सकता है।
सामान्य तौर पर मार्च महीने में तेज गर्मी, बारिश और ओले का ट्रेंड रहता है। इस बार ऐसा मौसम रह चुका है। अब तक 3 बार मौसम बदला है। जिसमें से दो बार आधे प्रदेश में जमकर ओले गिरे और बारिश भी हुई। चौथी बार फिर प्रदेश का मौसम बदलने जा रहा है। मार्च के आखिरी सप्ताह में भी बादल छाने और बूंदाबांदी होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार रैकवार का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से बारिश-बादल का मौसम बनेगा। 29 या 30 मार्च को बादल छाने और बूंदाबांदी की संभावना है। ऐसा हुआ तो यह लगातार तीसरा महीना रहेगा, जिसकी विदाई बदले हुए मौसम से होगी। जनवरी में भी यही स्थिति बनी थी।