मुंबई में एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में मुंबई पुलिस ने अहम जानकारी दी है। मुंबई पुलिस ने बताया कि एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में तीन पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से एक ऑस्ट्रेलिया की ग्लॉक पिस्तौल, एक तुर्की पिस्तौल और एक देसी पिस्तौल थी। पुलिस ने तीनों हथियार बरामद कर लिए हैं। बता दें कि 12 अक्टूबर को निर्मल नगर में जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बाबा सिद्दीकी मामले में शूटर्स 28 दिन में 5 बार बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर रेकी करने गए थे। बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर के बाहर आस-पास वे घंटों रुकते थे और उनकी हर मूवमेंट को ट्रैक करते थे। रेकी के बाद दशहरे का दिन हत्याकांड के लिए चुना गया था। हत्याकांड में शामिल आरोपी जीशान अख्तर वारदात के वक्त मुंबई से बाहर था। जीशान मुंबई के बाहर से पूरे ऑपरेशन को कॉर्डिनेट कर रहा था। शूटरों को शुभम का भाई प्रवीण पुणे से मुंबई छोड़ने आया था। शूटरों को पैसे शुभम ने ही दिए थे।
ये है लॉरेंस बिश्नोई गैंग में भर्ती का तरीका
दरअसल लॉरेंस जब भी कोर्ट या जेल जाता है तो उसके गुर्गे(जो जेल के बाहर हैं) लॉरेंस की वीडियो बनाते हैं। इन वीडियोज में लॉरेंस कभी मूंछों को ताव देता है तो कभी कैमरे को देखकर मुस्कुराता है। सोशल मीडिया से ही लॉरेंस गैंग इतना बड़ा बना है।
ऐसे में कम उम्र के लड़के जो घर से गरीब है, वह इन वीडियोज से प्रभावित होते हैं और लॉरेंस की तरह बड़ा डॉन बनना चाहते हैं। वो सोशल मीडिया के जरिए लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आते हैं। जिनसे लॉरेंस किसी को भी गोली मरवा देता है।
मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी केस में कम उम्र के थे शूटर
यहां गौर करने वाली बात ये है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी केस में फायरिंग करने वाले शूटर कम उम्र के थे।
हालांकि कई बार लॉरेंस और उसके भाई अनमोल का नाम लेकर लोकल क्रिमिनल भी धमकी भरे वीडियो बनाते हैं और नाम लॉरेंस और उसके भाई अनमोल का लेते हैं।