नई दिल्ली. द‍िल्‍ली के चाणक्‍यपुरी में रोजाना की तरह आम लोगों की ज‍िंदगी चल रही थी, फ‍िर क‍िसी ने पेड़ पर जो देखा उसके बाद वो कांपने लगा. पेड़ पर लोगों ने कोई भूत नहीं बल्‍क‍ि एक सांप देख ल‍िया था. ये सांप को आम सांप नहीं बल्‍क‍ि कोबरा था. आख‍िर कोबरा द‍िल्‍ली में आया कैसे क‍िसको नहीं पता. क्‍योंक‍ि यह पहली बार है जब द‍िल्‍ली में कोबरा सांप देखा गया.

द‍िल्‍ली के चाणक्‍य पुरी में सांप द‍िखने के बाद वन और वन्यजीव विभाग ने मंगलवार को चाणक्यपुरी में एक पेड़ पर दिखे किंग कोबरा को बचाया. बताया जा रहा है क‍ि दिल्ली में किंग कोबरा को पहली बार द‍ेखा गया है. चूंकि यह विषैला सांप निर्माणाधीन उत्तराखंड भवन के बाहर मिला, अधिकारियों को शक है कि यह सांप उत्तराखंड से क‍िसी वाहन से द‍िल्‍ली आया होगा. यह सांप इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में वल्नरेबल प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध है.

कैसे क‍िया कोबरा का रेस्‍क्‍यू
मीड‍िया र‍िपोर्ट के अनुसार, पश्चिम वन्यजीव प्रभाग के उप रेंज अधिकारी, राजेश टंडन ने कहा क‍ि हमें जैसे ही सांप दिखने की सूचना मिली, हम तुरंत मौके पर पहुंचे. लगभग 10 फीट लंबा किंग कोबरा एक पेड़ पर चढ़ा हुआ था. वन विभाग ने दिल्ली फायर सर्विसेज से दो फायर टेंडर बुलाए. वन्यजीव टीम ने फायर टेंडर की हाइड्रोलिक सीढ़ी का यूज करके पेड़ पर कोबरा तक पहुंचे, जहां सांप छ‍िपा हुआ था. कोबरा को हुक का उपयोग करके टीम ने सफलतापूर्वक बचा लिया. टंडन ने कहा क‍ि यह एक चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान था.

पहली बार द‍िल्‍ली में द‍िखा कोबरा
बचाव अभियान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सांप को सुरक्षित निकालने के बाद भीड़ तालियां बजाते हुए दिख रहे हैं. इलाके के कई निवासी अपनी बालकनी से इस बचाव को देख रहे थे. किंग कोबरा को फिलहाल वन विभाग के एक बचाव केंद्र में रखा गया है. टंडन ने कहा क‍ि यह दिल्ली में किंग कोबरा को पहली बार देखा गया है. माना जा रहा है कि यह सांप उत्तराखंड से किसी वाहन में चढ़कर दिल्ली पहुंचा होगा. उन्होंने यह भी बताया कि सांप को उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा, क्योंकि दिल्ली उसका प्राकृतिक आवास नहीं है.

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