नौ वर्ष से चल रहा निगम परिषद हाल का काम आखिर पूरा हो ही गया। इसका निर्माण लोकसभा की तर्ज पर किया गया है। खुद का परिषद हाल नहीं होने की वजह से नगर निगम को परिषद सम्मेलन के लिए निजी सभागृह किराए पर लेना पड़ता था। 2014 से अब तक किराए के रूप में इन आयोजनों पर निगम 20 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है।

नौ वर्ष से चल रहा निगम परिषद हाल का काम आखिर पूरा हो ही गया। वर्ष 2014 दिसंबर में इसका भूमिपूजन हुआ था। इसका निर्माण लोकसभा की तर्ज पर किया गया है। खुद का परिषद हाल नहीं होने की वजह से नगर निगम को परिषद सम्मेलन के लिए निजी सभागृह किराए पर लेना पड़ता था। 2014 से अब तक किराए के रूप में इन आयोजनों पर निगम 20 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है।

शुक्रवार को निगम के नए परिषद हाल का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव करेंगे। इसके पहले गुरुवार को सभापति मुन्नालाल यादव, एमआइसी सदस्य राजेंद्र राठौर ने इसकी तैयारियों का जायजा लिया। निगम के नए परिषद हाल का नामांकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर किया गया है।

महापौर ने पहले परिषद सम्मेलन में दिया था आश्वासन

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कार्यकाल के पहले ही निगम परिषद सम्मेलन में आश्वासन दिया था कि अगला परिषद सम्मेलन निगम के खुद के हाल में होगा। इसके बाद परिषद हाल के काम में तेजी आई थी। नए परिषद हाल में 114 पार्षदों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। सभापति मुन्नालाल यादव ने बताया कि शहर के विकास को देखते हुए भविष्य में पार्षदों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए यह व्यवस्था की गई है।

यह व्यवस्था होगी निगम के परिषद सभागृह में

  • लोकसभा की तर्ज पर किया गया है निर्माण, इसी तर्ज पर बैठक व्यवस्था भी रहेगी
  • 114 पार्षद एक साथ बैठ सकेंगे
  • दोनों तरफ दर्शकदीर्घा होगी, आमजन और आमंत्रित इनमें बैठ सकेंगे
  • मीडियाकर्मियों के लिए पृथक मीडिया हाउस की व्यवस्था रहेगी
  • सभागृह में सीसीटीवी कैमरे और पार्षदों की सीट के आगे माइक की व्यवस्था रहेगी
  • परे सभागृह में वूडन फ्लोरिंग लगाया गया है
  • पार्षद सीधे सभापति की कुर्सी तक नहीं पहुंच सकेंगे।
  • दिसंबर 2014 में हुआ था भवन का भूमिपूजन