प्रयागराज. शारदीय नवरात्र की गुरुवार तीन अक्टूबर से शुरूआत होने जा रही है. ग्रहों और नक्षत्रों के खास संयोग के चलते इस बार की नवरात्रि बेहद खास मानी जा रही है. धर्म और ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इस बार की शारदीय नवरात्रि पर देवी मां अपने भक्तों पर अमृत वर्षा करने जा रही हैं. इस बार चतुर्थी तिथि की बढ़ोतरी हो रही है, जबकि नवमी तिथि की हानि होगी. इसके बावजूद नवरात्रि पूरे नौ दिन की ही रहेगी. नवरात्रि पर व्रत रखने वाले श्रद्धालुओ के व्रत का पारण इस बार विजयादशमी के दिन होगा.

ज्योतिषाचार्य और वास्तु शास्त्री आचार्य अविनाश राय के मुताबिक इस बार नवरात्रि का प्रारंभ हस्त नक्षत्र में हो रहा है. प्रतिपदा यानि पहले दिन ही सुबह के वक्त से लेकर दोपहर 3.18 बजे तक हस्त नक्षत्र रहेगा. कलश स्थापना के लिए यह बेहद शुभ मुहूर्त है. इस अवधि में कलश स्थापना करना बेहद फलदाई होगा. उनके मुताबिक इस बार की शारदीय नवरात्रि पर बृहस्पति-सूर्य और शनि का खास संयोग बन रहा है. इस तरह का खास सहयोग करने पर प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है. इस बार बृहस्पति की स्थिति देवी मां की आराधना करने वाले भक्तों पर अमृत वर्षा करेगी. लोगों को हर तरह और हर तरफ से लाभ होगा.

दशहरे के दिन होगा पारण
आचार्य अविनाश राय के मुताबिक इस बार चतुर्थी तिथि में बढ़ोतरी होने से लोगों पर भगवान गणेश की भी कृपा बरसेगी. चतुर्थी के दिन श्रद्धालुओं को देवी मां की आराधना के साथ ही प्रथम पूज्य भगवान गणेश की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए. उनके मुताबिक इस बार अष्टमी और नवमी दोनों एक ही दिन पड़ रही है. हालांकि, अष्टमी का व्रत शुक्रवार के दिन रहना होगा. इसी दिन महानिशा पूजा भी होगी. महानिशा पूजा का मुहूर्त सिर्फ कुछ अवधि के लिए ही है. इस मौके पर पूजा अर्चना करने वालों को मनचाहे फल की प्राप्ति होगी. अष्टमी के दिन ही नवमी की भी पूजा होगी, लेकिन व्रत का पारण विजयदशमी की सुबह होगा.

इस बार की नवरात्री बेहद खास
आचार्य अविनाश राय का कहना है कि इस बार की नवरात्रि इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि देवी मां इस बार डोला और नौका पर सवार होकर आएंगी. उनके मुताबिक बच्चों-बूढ़ों और बीमार लोगों को छोड़कर सभी को नवरात्रि में पूरे नौ दिनों का व्रत रखना चाहिए. इस अवधि में नियम और संयम के साथ रहना चाहिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here